दोस्तों , आप सभी को मेरे प्रणाम और नमस्कार .
काफी सालो से ये मन में बात थी कि मैं भी कोई उपन्यास लिखूं और एक उपन्यास लिखनाभी शुरू किया ,जिसका BACKGROUND इलाहाबाद विश्वविद्यालय था . लेकिन वही समय की कमी , एक ऐसे समय की कमी , जहाँ मैं अपना एकांत ढूंढ सकूँ . फिर कई बरसो बाद अब सोचा है कि एक उपन्यास लिखू.
तो दोस्तों धीरे धीरे लिखना शुरू किया है , बस हमेशा की तरह अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखे.
आपका
विजय
काफी सालो से ये मन में बात थी कि मैं भी कोई उपन्यास लिखूं और एक उपन्यास लिखनाभी शुरू किया ,जिसका BACKGROUND इलाहाबाद विश्वविद्यालय था . लेकिन वही समय की कमी , एक ऐसे समय की कमी , जहाँ मैं अपना एकांत ढूंढ सकूँ . फिर कई बरसो बाद अब सोचा है कि एक उपन्यास लिखू.
तो दोस्तों धीरे धीरे लिखना शुरू किया है , बस हमेशा की तरह अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखे.
आपका
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